हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार सूर्यदेव की पूजा का विशेष महत्त्व बताया गया है | सूर्यदेव की कृपा जिस भी व्यक्ति पर होती है उसका भाग्य हमेशा चमचमाता रहता है | ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सूर्य और चंद्र को सबसे अधिक पूजनीय माना जाता है | सूर्य की किरणे व्यक्ति को सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती है | सूर्य से न केवल हमें ऊर्जा मिलती है बल्कि कई सारे ढेरो लाभ मिलते है | कुछ लोग सुबह सुबह स्नान करने के बाद सूर्यदेव को जल चढ़ाते है | लेकिन कुछ लोगो को सूर्यदेव की सही तरह से पूजा करने की विधि ज्ञात नहीं होती है और जल चढ़ाने मैं भी गलतिया करते है | आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से सूर्यदेव की पूजा के लाभ और जल चढ़ाने के तरीको के बारें मैं बात करेंगे...
सूर्यदेव की पूजा से मिलते है ये लाभ
* जो लोग रोजाना सूर्यदेव को जल चढ़ाते है उन्हें शारीरिक, मानसिक और व्यावहारिक सुख की प्राप्ति होती है |
* जो लोग रोजाना सूर्यदेव की पूजा करते है उन्हें किसी भी हालात से डर नहीं लगता है | वो निडर होते है और हर हालत का वीरो की तरह डटकर सामना करते है |
* जो लोग रोजाना सूर्यदेव की पूजा करते है वो मधुर आवाज के सरताज होने के साथ साथ बुद्धिमान और विद्वान होते है |
* जिन व्यक्तियों पर सूर्यदेव की कृपा होती है उन लोगो का व्यवहार बहुत ही मधुर होता है |
सूर्यदेव की पूजा करने और जल चढ़ाने का सही तरीका
जिन लोगो का व्यवहार उग्र है या जिन लोगो को छोटी छोटी बातो पर गुस्सा आता है और उनसे गुस्सा कंट्रोल नहीं होता है वो लोग सुबह जल्दी उठकर सूर्यदेव की पूजा करें | जो व्यक्ति रोजाना ऐसा करेगा वो हमेशा ही क्रोध, लालच, इच्छा, विश्वासघात और बुरे बिचारो से हमेशा के लिए मुक्त हो जायेगा | उसके अंदर से नकारात्मक शक्तिया निकल जाएँगी और सकारात्मक शक्तिया उसके अंदर वास करने लग जाएँगी |
* सूर्यदेव की सुबह की पहली किरण को सबसे ज्यादा लाभदायक बताया गया है | जितना संभव हो तो सुबह सुबह सूर्यदेव की किरणों के दर्शन करने चाहिए |
* सूर्यदेव भगवान की पूजा के लिए रविवार के दिन को सबसे अच्छा बताया गया है | कहते है की रविवार के दिन सूर्यदेव की पूजा करने से सुख की प्राप्ति होती है और स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है व्यक्ति के जीवन मैं धन दौलत और किसी भी चीज की कभी भी कोई कमी नहीं आती है |
* प्रत्येक दिन आप सुबह सुबह स्नान करने के बाद साफ़ कपडे पहनकर तांबे के लोटे मैं जल भरकर उसमे फूल रखकर सूर्यदेवता को जल अर्पित करें | कुछ लोग जल मैं गुड़ और चावल डालकर अर्पित करते है ऐसा बिलकुल भी नहीं करना चाहिए | ऐसा करने से पूजा का फल प्राप्त नहीं होता है |
* आप जल अर्पित करते समय दोनों हाथो को एक साथ प्रयोग मैं ले और उस जल मैं सूर्य की किरणे जरूर दिखनी चाहिए |
* जब भी आप सूर्यदेव को जल अर्पित करें तो हमेशा पूर्व दिशा की तरफ मुख करके ही जल अर्पित करें | अगर किसी दिन सूर्य दिखाई न दे तो भी पूर्व दिशा की और ही जल अर्पित करें यदि आप किसी और दिशा मैं जल अर्पित करेंगे तो आपको पूजा का फल प्राप्त नहीं होगा |
* कई लोगो का मानना है की सूर्योदेव को जल अर्पित करते समय यदि जल अपने पैरो पर पड़ जाए तो ये शुभ नहीं होता है मगर ऐसा कुछ भी ही होता है | ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सर से लेकर नाभि तक ही जल का प्रभाव होता है पैर पर पड़ने पर कोई प्रभाव नहीं होता है |